ADHD एक मनोविकार है जिसे हम अटेंशन डेफिसीएन्ट हायपर एक्टिविटी डिसऑर्डर कहते हैं, यह बच्चों एवं वयस्कों दोनों में पाया जाता है , ADHD से प्रभावित व्यक्ति में एकाग्रता की कमी होती है, आत्य्धिक चंचलता एवं क्रियाशीलता होती है जिसकी वजह से पढने, याद करने एवं ध्यान लगाने में तकलीफ होती है, एक जगह में देर तक शांत नहीं बैठ पाते हैं, याददाश्त कमजोर रहती है|
ADHD से प्रभावित व्यक्तियों को दैनिक कार्य, पढाई, ऑफिस आदि में असहजता का सामना करना पड़ता है|
छोटे बच्चों में अक्सर इस बीमारी का पता काफी देर से चलता है, तब तक अभिवावक , टीचर एवं अन्य इसे बच्चे की लापरवाही, उददंड़ता आदि समझकर बच्चों को डाँटते एवं सजा देते रहते हैं, विशेष ध्यान देने एवं मनोविशषज्ञ से सलाह लेने पर ही इस बीमारी की पहचान हो पाती है|
लक्षण:- प्रभावित वयस्कों एवं विशेषकर बच्चों में निम्न लक्षण पाए जा सकते हैं –
- किसी काम में अधिक देर तक मन न लगता हो
- कक्षा में पढाई के दौरान अन्य गतिविधि करता हो, जिसके कारन अक्सर स्कूल से शिकायतें आती हों
- पढाई के दौरान पढने लिखने के स्थान पर अन्य विषय लिखता हो या चित्र बनता हो
- बहुत ज्यादा सवाल करता हो, प्रत्येक चीज़ के प्रति आत्य्धिक उत्सुक होता हो
- छोटी छोटी बातों में उत्तेजित हो जाता हो
- अक्सर जिद पूर्वक अपनी बातें मनवाने की कोशिश करता हो
- भविष्य के प्रति ज्यादा चिंतित होता हो, संदेह ज्यादा करता हो, एक ही क्रियाकलाप बार बार करता हो।
समाधान:
ADHD प्रभावित व्यक्तियों का योग्य मनोवैज्ञानिक काउंसलर से काउंसलिंग कराया जाना चाहिए, जिसमे काउंसलर विभिन्न वैचारिक त्रुटियों को पहचान कर उन्हें दूर करने में सहायता करता है| कागनेटिव बेहेवियर थेरेपी, सायकोएनालिसिस, लाइफ स्किल ट्रेनिंग आदि के द्वारा ADHD से मुक्ति पाई जा सकती है |
निम्न विधियों को प्रतिदिन अमल में लाने से ADHD से ग्रस्त बच्चे कि स्वाभाव में धीरे धीरे परिवर्तन आने लगता है –
DELAY RESPONSE:
वो कुछ भी मांगे या कहे तो उसे तुरंत पूरा ना करें, जानबूझकर देरी करें: चाहे वो जितनी भी जिद करें उसे तुरंत कदापि ना माने, इससे उसे लगने लगेगा कि जिद करने से बात नहीं बनेगी और वो इंतजार करना सीखने लगेगा | उसका स्वाभाव भी काफी हद तक शांत हो जायेगा |
रिवॉर्ड थेरेपी :
बच्चे को कुछ करने के लिए कहे, या जैसे किसी कमरे में कुछ देर तक शांत बैठने के लिए कहे , यदि वो ऐसा कर ले तो उसे प्रोत्साहन के लिए कोई गिफ्ट , चाकलेट या पसंद कि कोई वस्तु दे या सिर्फ शाबाशी दें, प्रशंशा करें , ऐसा करने से उसके स्वाभाव में धीरे धीरे बदलाव आता जायेगा |
होमियोपैथी :
होमियोपैथी पद्धति में औषधियों का चयन मरीज के लक्षणों के आधार पर किया जाता है, होमियोपैथी औषधि मन, मस्तिषक के स्तर में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करती है, नीचे कुछ दवाइयां बताई जा रही हैं जो कि ADHD से पीड़ित व्यक्तियों को चिकित्सक की सलाह से लक्षण अनुसार दी जा सकती है –
Anacardium-
आत्मविश्वास की कमी होती है, असहाय एवं नाउम्मीद महसूस करते हैं, परीक्षा के समय छात्र को असफलता का भय लगता है, भविष्य के प्रति चिंतित होता है, दुखद घटना होने कि आशंका करता है, हमेशा विचारों कि दुविधा में रहता है, अचानक भूलने लगता है, सब कुछ सपने जैसा प्रतीत होता है, आसपास के सभी लोगों पर संदेह करता है, बार बार कसमे खाता है |
Cicuta Virosa-
व्यस्क भी बच्चों जैसा बर्ताव करने लगते हैं, बच्चा अंजान लोगों के बीच असहज महसूस करता है, लोगों के बीच जाने से कतराता है, मूर्खतापूर्ण हरकतें करता है , नाचता गाता है एवं हास्यपद हरकते करता है|
Coffea Cruda-
दिमाग में ढेरों ख्याल आते हैं , तुरंत उन विचारों पे अमल करने लगता है, जिसके वजह से नींद नहीं आती है, मस्तिष्क और शरीर से असामान्य हरकतें करते रहता है, कभी रोता कभी हँसता है, आवाज़, सुंगंध, स्वाद, स्पर्श आदि के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है|
Lachesis-
लम्बे समय तक दुःख भोगने, भय, गुस्सा, जलन , प्यार में असफल होने के कारण ज्यादातर तकलीफें शुरू होती है| मानसिक रूप से उत्तेजित रहता है, बातूनी होता है, हर समय बात करना चाहता है, एक ही शब्द का उपयोग कई घटनाओं को बताने में करता है, धार्मिक बातें करता है, अविश्वासी होता है, सभी को संदेह कि दृष्टि से देखता है|
Nux Moshcata-
याददाश्त कम होती है, ध्यान कम दे पाता है, अपने ही ख्यालों में खोया रहता है, सभी वस्तुओं को अजनबी कि तरह देखता है| पढ़ते लिखते बोलते समय अचानक विचार शून्य हो जाता है, गलत शब्दों का उपयोग कर लेता है, गली- रास्तों को पहचानने में भूल करता है| मनःस्थिति अचानक बदलती रहती है |
Tarentula –
बच्चा अशांत, अधीर रहता है, अधिक देर तक शांत नहीं बैठता, पल पल में पोजीशन बदलते रहता है, छोटी छोटी बातों से उत्तेजित होता रहता है, संगीत सुनना अच्चा लगता है|
Veratrum Album-
अकेला नहीं रह पाता परन्तु ज्यादा बात भी नहीं करता, हर वस्तु विशेषकर कपड़ों को फाड़ देता है, अश्लील बातें करना, धार्मिक या परालौकिक विषय की बातें करता है|
उपरोक्त औषधियों के अलावा भी अन्य विभिन्न औषधि है जो मानसिक स्तर पर बहुत प्रभावी असर दिखाती है| मानसिक समस्याओं हेतु होमियोपैथी का उपयोग सर्वोत्तम एवं हानि रहित है, कुछ समय तक आवश्यक औषधि का लगातार उपयोग करने पर समस्या का पूर्ण निदान हो जाता है|
अधिक जानकारी के लिए एवं परामर्श हेतु मिलें अथवा ईमेल करें।
Email – dr.bhupendragupta@gmail.com
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